भाई करें कि यह 10 लाख की गाड़ी है। उधार में ईएमआई पर डॉन पर ले आएगा। किसी मारवाड़ी से किसी ने पूछा कि भैया हमने सुना है कि मारवाड़ी लोग ₹10 कमाते हैं तो ₹12 बचा लेते होता है। आप चाहे बिजनेस करो, नौकरी करो। दुनिया में कोई भी काम करो। कर अपनी जिंदगी में आप ना पाऊं तो जिंदगी 360-degree बदल सकती है। कारण क्या है कि भारत के खिलाफ ऐसी प्रजाति है जो एक परसेंट से भी कम है, लेकिन भारत के बड़े-बड़े 20 परसेंट नंदिनी के भारत के जीडीपी में बड़ा योगदान देने का है तो आपको नहीं लगता कि समझने की जरूरत है कि यह ऐसा क्या
मारवाड़ी एक ऐसी प्रजाति है। अगर इनके सोचने का तरीका इनके काम करने का तरीके को आप समझ
- करते हैं। ऐसे क्या इनकी सोच है जी क्या इनकी मानसिकता है जो इतने बड़े बन जाते हैं मारवाड़ी देखो किसी भी? कितना भी गरीब राजस्थान के मारवाड़ एरिया में छोड़ दूं समंदर किनारे छोड़ दो। यह वहां भी धंधा बना लेंगे। सुविधाओं के साथ कर दो किसानों को करोड़ों
- करोड़ों मिले भैया किसी को 50 लाख मिलेगा। फॉर्च्यूनर उठाकर लेकर आएगा लेकिन क्या स्पेशल हम कहते हैं कि आदमी को किसी इन्वेस्टमेंट से जितना ज्यादा रिटर्न चाहिए, उसको इतना बड़ा रिस्क लेना पड़ेगा और जितना कम है उतना कम रिटर्न?
मारवाड़ी को 5000000 मिल जाए तो 5000000 किलो धंधा बना कर खड़ा कर देगा।
मारवाड़ी राजस्थानी मारवाड़ी कहते हैं। इसका मतलब ही नहीं है। आपको निकालना है तो जनवरी में कांग्रेस का तो कम रेट में थोड़ा और थोड़ा और आप अगर ज्ञानी हो, मार्केट के ज्ञाता हो। मारवाड़ी के घर के ठीक सामने एक गरीब आदमी रहता था। एक तरफ मालवणी का घर बड़ा। आलीशान बंगला अभी कई सारे धंधे बना रखी है। उसने दूसरा एक गरीब। उसको आता जाता देखता रहता और अपनी किस्मत को और भगवान को कुछ मत खराब करो, ठीक है भाई जी आप इसको इतना अमीर बना दिया। मुझे इतना करीब बना दिया। कुछ तो कर मुझे भी अमीर बनाता है कि मुझे भी अमीर बना। इसकी तरह तो भगवान कहते हैं
आदमी दिन-रात मारवाड़ी के बदले को निहारता रहता
कि उसकी तरफ तुझे अभी तो बना लूंगा नहीं तो अपनी मेहनत से काम करते हैं। मारवाड़ी तो भाई ब्लड मारवाड़ी है। उसके फोन में धंधा है। एक छड़ी लेकर के नदी किनारे मछली पकड़ने के लिए खाने-पीने का भी जुगाड़ करना है। काट कूट करके खाना पूरा परिवार खा कर के खुश हो जाता है। मारवाड़ी प्योर वेजीटेरियन एक मछली को भेज करके एक नई छोरी अच्छी वाली और दूसरी वाली मछली को भेज करके थोड़ा सा खाना अरेंज किया और अपने परिवार के साथ खाना पीना खाया। उसने जो मारवाड़ी था, अगले दिन जब जाता है तो अपने साथ एक और आदमी को लेकर जाता है। एक नई छवि के साथ जोश
मारवाड़ी उसने भी दो मछली पकड़ी जो मछली पकड़ कर ले जाता है
ने खरीदी थी। एक मछली को भेज करके और उसको कहता है कि इस छवि की वजह से जो मछली निकालेगा तू उसका दस परसेंट 10th का तेरा अगले दिन क्या होता है। दूसरा जो गरीब आदमी होता है, वह तो दो ही मछली मछली पकड़ कर के वही वह करता है। घर में जा करके खा पका कर खा जाता है। और दो मछली है, उसकी शरीफ करवाता है जिसको बनाकर लेकर गया था। अब इसके पास हो गई। अगले दिन एक मछली को भेज करके यह अपना खाना-पीना खाता है। परिवार के साथ बाकी तीन मछली को भेज करके पैसा कमाता है और दो मछली वाले से 10th का निकाल कर उसको दे देता है। एक और मछली पकड़ने
मारवाड़ी दो मछली तो अपनी वाली छड़ी से पकड़ता है
वाली छड़ी खरीदा है और एक और नया आदमी को लेकर जाता है। गरीब आदमी अभी भी वही करता है। एक पुरानी चूड़ी के साथ दो मछली पकड़ता है। दो मछली को खा जाता है लेकिन इसके पास एक और खड़ी है और दो मछली नहीं और पकड़ पकड़ पकड़ पकड़ लिया जाता है। वह धंधा बना लेगा और अमीर बन जाएगा तो पहला लेसन है जो मारवाड़ी समाज को सीखना चाहिए। मारवाड़ी से किसी ने पूछा कि भैया हमने सुना है कि मारवाड़ी लोग ₹10 कमाते हैं तो ₹12 बचा ले।
किसी भी जगह पर छोड़ दो आप उसका धंधा बनाने का सोच उसके खून में बसता है
मारवाड़ी कहता है दरअसल कमाते थे लेकिन बताते 10 वीं और 20 कमाने की वजह से यह 12 बचा पाते। इसका मतलब हम सो नहीं करते। मारवाड़ी लोक सेवक नहीं करते। बिल्कुल भी यह। 20 कमाएंगे तो 10 बताएंगे। हम आएंगे तो बताएंगे। लेकिन आम आदमी एक नौकरी पैसे वाला आदमी जंगली हमारी सोसाइटी में जो आसपास हम देखते हैं करता है। वह जितेंद्र की गाड़ी भी खिलाएगा। साबित भी करेगा। मैं भी कमाता हूं। भले उसके घर उसके चक्कर में उसके घर का फर्नीचर लाल हो जाए। उसको फिर मांग लेना पड़े उसकी हो।
मारवाड़ी की पहचान 10 कमाएंगे तो पांच बताएंगे
मारवाड़ी गुरुकुल पड़ता है तो मारवाड़ी कहता है कि जितनी तुम्हारी औकात है उसका 10 गुना कम यानी कि अगर तुम्हारी औकात 10 लाख की गाड़ी की खरीद रखी है तो यह कि करीब एक करोड़ की खरीदने की है तो 1000000 की फेरी 2 10 करोड़ खरीद रखी है तो तब जाकर। लेकिन हमारा नौकरी पैसे वाला आदमी से जुड़ा करता है। अगर उसकी औकात ₹100000 के बाइक खरीदनी है। लड़कियों का तो गाड़ी के पास फोर व्हीलर है। अभी नहीं जबकि वह चाहे तो वह 10-10 20-20 मर्सिडीज की ऑनलाइन लगा दे, लेकिन खरीदार में ईएमआई पदों पर ले आएगा। विपुल ऑब्जरवेशन की बड़ीसॉलिड होती है। मतलब आप लोगों को कभी नहीं मिलेगा। एक मारवाड़ी तरबूज बेच रहा था।
उसका 1000000 का कार्य करने का औकात है तो एक करोड़ का गाड़ी खरीद के लाता है
तुम्हारी क्या करता है यह तरबूज उठाता और तू व्हाट्सएप तक करता और नीचे तक लगातार उठाकर कहता कि यह बहुत बड़ा। आदमी पूछता है कि वह तुमको कैसे पता है। नाटक करके यह तरबूज अच्छा ही खराब है। हम को नहीं पता कि तरबूज खरबूज नीचे रखते हैं। तीसरा उठा दो उसको देते हैं तो कस्टमर को जाता है कि यह जानकारी तरबूज करके मानसिकता बड़ा दिन तक नहीं आती है। उसको लोगों की समझ है, उसको कस्टमर को चाहिए। क्या वह समझता है उसको उसी तरीके से दिल करता है वह लोगों के समझ। को मैनेज करके अमीर बनने की कहानियां तुमने बहुत छोटी है लेकिन ऐसा नहीं कर पाते।